Monday 9 September 2013

Education is important for the youth progress – Bhavya Bishnoi




युवाओं को आगे बढ़ने के लिए बेहतर शिक्षा की जरूरत : भव्‍य बिश्नोई


हरियाणा जनहित काग्रेस (बीएल) के अध्यक्ष और हिसार से सांसद चौधरी कुलदीप बिश्नोई के बड़े बेटे भव्य बिश्नोई ने कहा कि अगर उनके पिता हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए तो वह उनसे पहला काम प्रदेश में शिक्षा स्‍तर में सुधार करांएगे। भव्‍य बिश्नोई ने कहा कि उनके दादा पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने हरियाणा की तकदीर बदली थी,  अब उनके पिजा कुलदीपबिश्नोई प्रदेश की तस्वीर बदलेंगे और इसके लिए सबसे पहले देश व प्रदेश में शिक्षा का ढांचा बदलने की जरूरत है।  
हाल ही में जनहित स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (जेएसओ) द्वारा आयोजित देश व युवा शक्ति विषय पर आयोजित सम्मेलन में देश व प्रदेश की शिक्षा नीति पर हमला करते हुए भव्य बिश्नोई ने कहा कि आज भी देश में अंग्रेजों की शिक्षा प्रणाली चल रही है, जो सिर्फ हमें क्लर्क बनाती है। आज देश में शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन करने की जरुरत है। युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए, जो उनका मार्गदर्शन कर सके और उन्हें स्वावलंबी बना सके।

भव्‍य बिश्नोई ने अपने भाषण में तालिबान की मलाला, सुनिता विलियम्स, सचिन तेंदूलकर, इंदिरा नूई, अमृत्य सेन जैसे महान लोगों का उदाहरण देकर युवाओं से सकारात्मक सोच के साथ निरतर आगे बढ़ने का आह्वान किया।

भव्‍य बिश्नोई ने कहा कि युवा किसी भी देश के हालातों को सुधारने और उसका विकास में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसलिए देश और प्रदेश में शिक्षा का स्‍तर बदलने की जरूरत है ताकि युवा अच्‍छी शिक्षा प्राप्‍त कर देश के विकास में भागीदार बन सकें। और देश का विकास केवल डॉक्‍टर या इंजीनियर बनने से नहीं होता। आज युवाओं को हर क्षेत्र में प्रेरित करना आवश्‍यक है। और वो तभी संभव हो पाएगा जब सरकार इसके लिए कड़े कदम उठाएगी।

Friday 23 August 2013

हरियाणा की बेटी कृष्‍णा पूनिया को खेलरत्न नहीं मिलने कुलदीप बिश्‍नोई ने रोष जताया

देश की राजधानी दिल्‍ली में साल 2010 मे आयोजित राष्‍ट्रमंडल खेलों में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली हरियाणा की चक्‍का फेंक एथलीट कृष्‍णा पूनिया को देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार खेलरत्न नहीं मिलने पर हरियाणा जनहित कांग्रेस के अध्‍यक्ष कुलदीप बिश्नोई ने गहरा रोष जताया है। राज्‍य के हिसार जिले की अगरोह में जन्‍मी पूनिया को यह पुरस्कार नहीं मिलने पर कुलदीप बिश्नोई के साथ-साथ राज्‍य के लोगों ने भी गहरा दुख व्‍यक्‍त किया है।

दरअसल स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले भारतीय खिलाड़ी को दिए जाने वाले सबसे बड़े पुरस्‍कार खेलरत्‍न की घोषणा हुई थी। इसके लिए डबल ट्रैप शूटर रोंजन सोढ़ी को चुना गया था। यह भी अंदाजा लगाया जा रहा था कि रोंजन सिंह सोढ़ी के साथ-साथ एथलीट कृष्णा पूनिया को भी यह पुरस्‍कार मिल सकता है। लेकिन खेल मंत्रालय ने पूनिया का नाम नहीं चुनकर तमाम इस तरह की तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया है। पूनिया उनके साथ हुई नाइंसाफी के खिलाफ आवाज उठा रही थीं और इस मामले को लेकर पिछले छह दिनों में दूसरी बार खेलमंत्री से मुलाकात भी की थी। लेकिन उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया है। इस बार उन्‍हें इस पुरस्‍कार से वंचित रहना पड़ेगा।

कृष्णा पूनिया ने कहा था कि सोढ़ी का नाम उन दो अधिकारियों के वोट के बाद सामने आया जिनको वोट देने का अधिकार ही नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरस्‍कार जिस अंतराल के लिए दिया जा रहा है उस में उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। अगर सरकार के पुरस्‍कार देने का यही तरीका है तो उन्हें अवार्ड देने बंद कर देने चाहिए।

चौधरी कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि हमारे देश का हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहाँ के खिलाडियों ने किसी भी स्‍तर की प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा पदक जीते हैं। कपिलदेव, विजेंद्र सिंह, मोहित शर्मा, गीता पोघट, जोगिन्दर शर्मा तमाम ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का सिर ऊँचा किया है। पूनिया ने राष्‍ट्रमंडल खेलों में स्‍वर्ण पदक जीतकर देश और हरियाणा का नाम रोशन किया था। यही नहीं ओलंपिक में भी वह 6 वें स्थान पर रहीं। भारत सरकार को इस बात पर सही से विचार करना चाहिए था। सरकार को खेल के इस इस सबसे बड़े पुरस्‍कार को घोषित करने से पहले कृष्णा पूनिया की उपलब्धियां गिन लेनी चाहिए। उन्‍हें उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए यह पुरस्‍कार मिलना चाहिए था। वो इसकी हकदार हैं।

Wednesday 7 August 2013

Kuldeep Bishnoi on his father, Jan Nayak Swargiya Ch. Bhajan Lal

Jan Nayak Swargiya Ch. Bhajan Lal was unarguably one of the most prolific political figures of the 20th Century. He was a three-time Chief Minister of Haryana and served as a Union Minister at the Centre. He was born on October 6th 1930 and received his formal education at Bahwal Nagar, which is now a part of Pakistan. He is married to Smt. Jasma Devi and is blessed with two sons, Ch. Chander Mohan and Ch. Kuldeep Bishnoi.

Kuldeep Bishnoi’s brother, Chander Mohan is an active politician within the HJC (BL) party in the polity of Haryana while Kuldeep Bishnoi is a Member of Parliament, Lok Sabha and also serves as the President of the Haryana Janhit Congress (BL) Party.

The HJC (BL) was launched by Jan Nayak Ch. Bhajan Lal and Ch. Kuldeep Bishnoi on December 2nd 2007 with the intention to offer a people-centric political dais from where the people of Haryana can share their disillusionment with the present anti-people policies of the ruling Congress Government and voice their concerns on the injustice metted to them.

Jan Nayak Ch. Bhajan Lal was a farmer by profession and belonged to a family of agriculturist background. He started his career from a meager beginning, with no political ties to his credit, and went on to become one of the most successful politicians in the political hierarchy of Haryana. He was elected as a Sarpanch followed by being elected as the Chairman of the Panchayat Samiti (Hisar) for 5 years and later became the President of the Congress Mandal (Hisar) for 4 years.

Sadly, Jan Nayak Ch. Bhajan Lal ji passed on 3rd June 2013 leaving behind a legacy of political expertise and heritage for all to follow. His funeral was well-attended with prominent personalities and political dignitaries present to offer their condolences.

During his political activism of over 40 years, Jan Nayak Swargiya Ch. Bhajan Lal has distinguished himself as a true nationalist and an able and committed administrator and even held the Agriculture and Environments & Forest portfolios during Rajiv Gandhi's administration. He was dotingly referred to as the ‘Chanakya’ of the 20th Century meaning ‘the great scholar’ and will always be remembered as one of the foremost architects of modern Haryana who fought tirelessly for the causes of the deprived and underprivileged.